समाजवादी पार्टी के नेता बार- बार दिसंबर 1990 में अयोध्या में कारसेवकों पर चलाई गई गोलियों को न्याय संगत, उचित और जरूरी बता रहे हैं।
34 वर्षों बाद यह बयान हिंदुओं के जख्मों को कुरेदने जैसा है। पूरा विश्व जानता है कि वह सभी कारसेवक रामभक्त शांतिपूर्ण थे, निहत्थे और राम नाम का जाप कर रहे थे। बिना किसी पूर्व चेतावनी के उन पर गोलियां चलाई गई। गोली किसी भी राम भक्त के पैर पर नहीं बल्कि उनके छाती और माथे पर दागी गईं। यह सरकार द्वारा प्रायोजित हत्याकांड था।
अब अयोध्या जी में प्राण प्रतिष्ठा से पहले उस गोली कांड को उचित और न्याय संगत ठहराना समाजवादी पार्टी द्वारा हिन्दू समाज का अपमान करने जैसा है। हिंदू समाज लोकतांत्रिक प्रक्रिया से इसका दंड अवश्य देगा।
जय श्री राम
- आलोक कुमार,अन्तर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष, विहिप
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